Vol. 2 No. Issue: 3, May , pg. 1273-1286 (2025): शिक्षा में भगवदगीता की प्रासंगिकता का अध्ययन

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सार 

भगवद्गीता की प्रमुख विशेषता है, उसकी व्यवहारिकता और प्रासंगिकता, जो समाज के व्यवहार में प्रचलित हो न कि सिद्धान्तों मात्र की हो। भगवद्‌गीता में मात्र तत्त्व ज्ञान ही नहीं वरन् व्यवहारिक दर्शन सर्वथा दर्शनीय है। भगवद्गीता दार्शनिक विवेचन ही नहीं है वरन् भगवद्गीता मानव को केन्द्र में रखकर मानव के सर्वतोन्मुखी कल्याण के उपायों को भी प्रस्तुत करती है। शिक्षा का उद्देश्य केवल पाठ्यक्रम को पढ़ाना हो गया है जबकि भगवद्‌गीता पाठ्यवस्तु को छात्रों के मानसिक स्तरानुसार उसकी योग्यता, अभिरूचि आदि के अनुसार व्यवहार में उसके प्रयोग करती है। 

शब्द कुंजीः शिक्षा, भगवद्गीता, प्रासंगिकता, दर्शन, नीतिशास्त्र, अभिरूचि ।

Published: 2025-09-04