Vol. 2 No. Issue: 3, May, pg. 1225-1272 (2025): उत्तराखंड की महिला उद्यमिता: अवसर समस्याएं और संभावनाएं

सार
यह शोध पत्र उत्तराखंड राज्य में महि ला उद्यमि ता के वि भि न्न पहलुओं का वि श्लेषण करता है, जि समें उपलब्ध अवसरों, सामना की जाने वाली समस्याओं और भवि ष्य की संभावनाओं पर ध्यान केंद्रि त कि या गया है। उत्तराखंड की वि शि ष्ट सामाजि क-आर्थि र्थिक और भौगोलि क परि स्थि ति यां महि ला उद्यमि यों के लि ए अद्वि तीय चुनौति यां और अवसर प्रस्तुत करती हैं। इस अध्ययन का उद्देश्य इन कारकों की गहन जांच करना है ताकि महि ला उद्यमि ता को बढ़ ावा देने के लि ए प्रभावी रणनीति यों का वि कास कि या जा सके।
शोध एक मि श्रि त दृष्टि कोण अपनाता है, जि समें प्राथमि क डेटा संग्रह के लि ए सर्वे र्वेक्षणों और साक्षात्कारों का उपयोग कि या गया है, साथ ही द्वि तीयक डेटा के रूप में सरकारी रि पोर्टों और प्रासंगि क साहि त्य की समीक्षा भी की गई है। अध्ययन उत्तराखंड के वि भि न्न क्षेत्रों की महि ला उद्यमि यों से जानकारी एकत्र करता है ताकि उनकी अनुभवों और दृष्टि कोणों का व्यापक चि त्र प्राप्त कि या जा सके।
प्रारंभि क नि ष्कर्ष र्ष बताते हैं कि उत्तराखंड में कृषि , हस्तशि ल्प, पर्य र्यटन और सेवा क्षेत्र में महि ला उद्यमि यों के लि ए महत्वपूर्ण र्ण अवसर मौजूद हैं। हालांकि , उन्हें वि त्तीय संसाधनों तक पहुंच की कमी, वि पणन चुनौति यों, सामाजि क और सांस्कृति क बाधाओं, और कौशल वि कास की आवश्यकता जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ ता है। इन समस्याओं के बावजूद, महि ला उद्यमि यों में दृढ़ ता और नवाचार की भावना स्पष्ट है, जो भवि ष्य के लि ए सकारात्मक संभावनाएं दर्शा ती है।
यह शोध पत्र नीति नि र्मा ताओं, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य हि तधारकों के लि ए मूल्यवान अंतर्दृ ष्टि प्रदान करता है जो उत्तराखंड में महि ला उद्यमि ता को समर्थ र्थन और बढ़ ावा देने के लि ए प्रयासरत हैं। नि ष्कर्षों के आधार पर, वि त्तीय सहायता, कौशल वि कास कार्य र्यक्रम, वि पणन सहायता और अनुकूल नीति गत माहौल बनाने के लि ए वि शि ष्ट सुझाव प्रस्तुत कि ए गए हैं। इस शोध के माध्यम से उत्तराखंड में महि ला उद्यमि यों के सशक्ति करण और राज्य के समग्र आर्थि र्थिक वि कास में उनके योगदान को बढ़ ाने की दि शा में महत्वपूर्ण र्ण कदम उठाए जा सकते हैं।
मुख्य शब्द: महि ला उद्यमि ता, उत्तराखंड, अवसर, समस्याएं, संभावनाएं, ग्रामीण वि कास, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, नीति ।